दोस्तों, आज मैं आपको पिरामिड के रहस्यों के बारे में बताऊंगा। यदि आप रहस्यों को जानना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए।



यह एक पिरामिड है, यह दूर से छोटा दिखाई देता है, लेकिन पास से देखने पर बहुत बड़ा दिखाई देता है। लेकिन यह आज जैसा दिख रहा है, यह ऐसा नहीं बनाया गया था। यह चार हजार सात सौ साल पहले बनाया गया था, लेकिन यह रेत से ढक जाने के कारण अच्छा दिखाई नहीं देता है। आप लोग इसके तथ्यों के बारे में नहीं जानते होगे।


मैं आज आप लोगों को इस पोस्ट में पिरामिड के कुछ तथ्यों के बारे में बताऊंगा।


आज से चार हजार सात सौ साल पहले यानि कि 2020 ई० में इजिप्ट के सराका मेक्लोपोलिस में पिरामिड ऑफ जोसर का निर्माण हुआ, यह पहली बार हुआ, कि इतने बड़े पिरामिड को मनुष्य ने बनाया था। इसे इजिप्ट के राजा जोसर के बनाया गया था। परन्तु 1992 में आए 5.8 मैग्नेट्यूड भूकंप ने इसको डैमेज कर डाला और यदि इसको तुरंत सही नहीं किया जाता, तब यह अगले भूकंप के आने में ढह जाता। यह पिरामिड 62.5 मीटर की ऊंचाई का बना है, और इसमेंं 6 सीढ़ियां भी बनी हुई है।


पिरामिड के तथ्य


यह निम्न प्रकार से हैं-

  1. जब मनुष्य के पास न तो कोई मशीन थी, और न ही कोई क्रेन या फोर्क लिफ्ट ट्रक था, तब उस समय इजिप्सन्स के कारीगरों ने विशाल पिरामिड बना दिए। जिसके पत्थरों का वजन 5-10 टन था। यह कैसे संभव था कि उन लोगों ने इतने भारी पत्थरों को इतनी ऊंचाई तक बिना किसी टेक्नोलॉजी के चढ़ाया। यह चीज आज भी रहस्य बनी हुई है।
  2. यह काफी पुरानी मान्यता है, कि इजिप्सन्स के कारीगरों ने इन विशाल पिरामिड को बनाने के लिए गुलामों की मदद ली थी। लेकिन बाद में पता चला। कि इन पिरामिड को बनाने वाले कारीगर को काफी धन मिला था। यहीं नहीं सारे कारीगरों को मौत के बाद कब्र में शराब व खाने-पीने की चीजें रखी गयी थी। जिससे कि वह अगले जन्म में भूंखे न रहें।
  3. हम सब जानते हैं, कि ईंट को ईंट से जोड़ने के लिए सीमेंट/गारे का उपयोग किया जाता है, वैसे ही उन कारीगरों ने पिरामिड के पत्थरों को जोड़ने के लिए कौन-से गारे का उपयोग किया। जो कि हजारों साल बीतने के बाद भी यह पिरामिड ज्यों के त्यों बने हुए हैं, और उन्हें अभी तक कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। जबकि आज के समय में बनने वाली विल्डिंग्स इतने सालों तक टिक नहीं सकतीं।
  4. जैसा मैंने आपको पहले बताया, कि पिरामिड्स रेत से ढके होते थे, लेकिन आपको यह नहीं बताया कि पिरामिड्स को इजिप्सन्स के कारीगरों ने इतना पॉलिस किया था। कि वह सूर्य की किरणें पड़ते ही। डायमंड की तरह चमकते थे, इसलिए यह पिरामिड कई किलोमीटर दूर से दिखाई दे जाते थे।
  5. वैज्ञानिकों ने अपनी गणना से पता लगाया था, कि एक पिरामिड को बनाने में 23 साल लगे थे। इजिप्ट के ज्यादातर पिरामिड एक साथ ही बने थे। वहीं एक पिरामिड को बनाने में 90 हजार कारीगरों की जरूरत पड़ी थी। तब आप खुद सोंच सकते हो, कि इतने पिरामिड्स को बनाने में कितने बड़े स्तर तक काम हुआ था, और कितने कारीगरों की जरूरत पड़ी होगी।
  6. इजिप्ट के पिरामिड की तरह दुनिया में कई पिरामिड पाए गए हैं। परन्तु वह पिरामिड इजिप्ट के पिरामिड की तरह विशाल व रहस्यमयी नहीं हैं। इजिप्ट के पिरामिड में राजा को शराब व खाने-पीने की चीजें और सोने के साथ दफनाया जाता था। क्योंकि वह यह मानते थे, कि जिस चीज के साथ बॉडी को दफनाया जाता है। अगले जन्म में उसको वह चीज मिलती है।
  7. क्या आप यह जानते हो, कि इजिप्ट के पिरामिड को बनाने की कला की शुरुआत इम्होटेप नामक व्यक्ति ने की थी। उसी के निर्देशानुसार इजिप्ट में एक पिरामिड बना। इम्होटेप एक आर्कीटेक्ट के साथ-साथ फिजीशियन, एस्टोनोयर और जिप्सन पंडित भी थे। तो दोस्तों यह थी, इजिप्ट के पिरामिड्सों की रहस्यमयी तथ्यों की जानकारी।

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